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प्रदेश में अतिवृष्टि का कहर: सिंचित और असिंचित भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद, किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं राहत पैकेज का:कृषि मंत्री गणेश जोशी।

 

प्रदेश में अतिवृष्टि का कहर: सिंचित और असिंचित भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद, किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं राहत पैकेज का:कृषि मंत्री गणेश जोशी।

 

 

 

 

देहरादून, 22 अगस्त। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आज अपने कैंप कार्यालय में कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर अतिवृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा की।

बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाय। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि फसलों के नुकसान का नियमित रूप से सर्वेक्षण कर प्रतिदिन की रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाए। कृषि मंत्री जोशी ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार के मानकों के अनुसार शीघ्र कागजी कार्यवाही पूरी कर किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराया जाए, ताकि आपदा से प्रभावित कृषकों को तुरंत राहत मिल सके।

 

बैठक के दौरान किसानों की फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए भारत सरकार की ओर से तय मानकों के अतिरिक्त राज्य सरकार की ओर से भी किसानों को उनकी फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए अतिरिक्त सहायता देने पर भी चर्चा की गई। इस संबंध में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को शीघ्र आंकलन कर प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है और किसान भाइयों की हर संभव मदद की जाएगी।

 

बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण कृषि भूमि में सिंचित और असिंचित मिलाकर लगभग 28 हैक्टेयर क्षेत्रफल में नुकसान हुआ है। इसी प्रकार उद्यान क्षेत्र में 4800 हैक्टेयर में फसलों को क्षति पहुँची है। अधिकारियों ने बताया कि उपरोक्त क्षति का क्षेत्रफल भारत सरकार के आपदा के मानकों के अनुसार 33 प्रतिशत से अधिक है, जो मुआवजा वितरण की श्रेणी में आता है।

 

इस अवसर पर कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, निदेशक कृषि परमाराम, बागवानी मिशन महेंद्र पाल, संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार आदि उपस्थित रहे।

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